कैद है तू मुझमें।।














लकीरों से भी ज्यादा ..
मेरे हाथों में ..
तुझ तक जो जाएँ ..
वो राहें ..
कैद हैं..
कैद हैं ..
बंद खिड़कियों में ..
धड़कन ...
बेचैनियों में ..
तड़पन..
जो अपना बनाएँ ..
वो हवाएं..
कैद हैं .
कैद हैं ...
नज़र ना लगे ..
इन लम्हों को ..
इनमे तू संग है..
तो रंग हैं ..
खाली थी जो मेरी सुबहा ..
अब मेरी शाम में भी
तू संग है..
प्यार की अदाएँ ..

खोल दे बाहें ..
जो कैद हैं.
कैद हैं..
कच्ची सी धूप में ..
सर्द की हवा सी ..
छुए जो मुझे
तू वो नूर है..
इन लम्हों में ..
मिला है जो मुझको ..
बहती सांझ की ..
तू हूर है...
सावन की खतायें..
फलक की रिहाएं..
तुझमें ..
कैद हैं ..
कैद हैं ..
तेरे कुर्ब रहना है..
तू है साहिल. .
उन्स कोई तुझसे मेरा ..
लगाया तुझसे दिल ..
ये बरसी है घटाऐं..
मेरे साये..
कैद हैं ..
कैद हैं ..
लकीरों से भी ज्यादा ..
मेरे हाथों में ..
तुझ तक जो जाएँ ..
वो राहें ..
कैद हैं..
कैद हैं ..

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