आसिफा
Poem in hindi आसिफा Poem in hindi आसिफा वो सहम गई होगी। वो सिहर गई होगी। शायद वो हारकर। बिखर गई होगी। क्या गलती थी उसकी। वो सजा से लिपट गई होगी। वो तन्हा एक नन्ही कली। खुद में सिमट गई होगी। दर्द भी नहीं जानती थी जो। आंसुओं से भर गई होगी। कैद घूरती निगाहों से। कितना डर गई होगी। बंद आँखों की रोशनी में।