रत्ती भर तु कोशिश कर
Poetry in hindi: रत्ती भर तु कोशिश कर
रत्ती भर तु कोशिश कर।
बुलंदीयाँ तो काफी हं।
क्यूं है ये शीकन।
खूद संग नाइंसाफी है।
भर ले खुद में वो अगन।
पहली हार को माफी है।
रत्ती भर तू कोशिश कर।
हसरतै अभी बाकी है।
क्यूं है ये हौसले दफन।
इनमें जीत का कण तो बाकी है।
शुरू तो कर तू फिर वही।
पहली हार तो माफी है।
जो मौका मिले तो चल।
वरना बना दे मौकों का सफर।
बना दे ये मौकों का सफर।
रत्ती भर तू कौशिश कर।
अभी अगन तो बाकी है।
चल दे तू उसी राह पर।
हौसलों मे जीत की बाजी है।
या बदल दे वो राह जिसमें।
तेरी चोट का अक्स बाकी है।
रत्ती भर तू कोशिश कर।
बुलंदीयाँ तो काफी है।
गैरौ की भीड़ को अपना बना ले।
ऊचांईयों को सपना बना ले।
आगाज हुआ है जीत का।
अंत तो अभी बाकी है।।
चल दे तू राह पर।
कांटों का दौर शुरूआती है।
रत्ती भर तू कोशिश कर।
बुलंदीयाँ तो काफी है।
बुलंदीयाँ तो काफी है।।
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Good one...
ReplyDeleteAfter along time found a different one...
ReplyDeleteThank you 😍 😍 knm
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