दूर चला आया मैं।।















गुज़र जाने दो अश्क ..
नैनो के किनारे से ..
हौसले फिसल जाने दो ..
हाथों के सहारे से ..
 मिल जाएगा कल ख्वाब नया..
आज सो जाने दो ..
मुझे तन्हा उन यादों में ..
 खो जाने दो ..
दूर बड़ी चला आया मैं ..
मुझे घर जाने दो ..
थक गए होंगे पाँव अब ..
इन राहों की चोटों से ..
उफ्फ भी नहीं निकलती ..
अब इन होठों से ..
शोर के इस सफर में ..
तन्हाई पाने दो
 मुझे  शहर की रोशनी से ..
दूर जाने दो ..
 बड़ी दूर चला आया मैं ..
मुझे घर जाने दो ..
खुद  को ढूँढने ..
 कब मैं चला था ..
खो आया हूँ खुद को ..
जहाँ मैं अब में ढला था ..
मुझे उस कल को फिर पाने दो ..
इस वक्त के जजीरे से निकल जाने दो ..
धुन वहीं फिर गाने दो ..
एक ताल थी जो मेरी वो ..
गुनगुनाने दो ..
दूर बड़ी चला आया मैं ..
मुझे घर जाने दो ..
चलकर उसी गलियारे में ..
मेरा घर ढूंढ लूँ..
वो मौसम पुराना ..
मेरा सबर ढूंढ लूँ ..
ठहर कर वहीं ..
मुझे फिर खुद को बनाने दो ..
एक नयी सोच में ..
मुझे ढल जाने दो ..
दूर बड़ी चला आया मैं ..
मुझे घर जाने दो ..

Comments