खामोखां

Song poetry खामोखां






Song poetry खामोखां

Song poetry खामोखां


प्यार है इस कदर ..
फिर क्यूँ है ये दास्तां ..
लव्ज रो दिए हैं .
चल दिये क्यूँ खामोखां .
कह जाती गर ये दूरी..
ना मिलेंगे फिर कभी ..
नजरें ना पूछती ये ..
सवाल खामोखां ..
दास्तां .. कैसी है ये दास्तां ..
खामोखां ..
खामोखां ..
चल दिए क्यूँ खामोखां ..


एक वादा रह गया ..
कई वादों में जो था ..
तेरे मेरे दरमियाँ ..
कई इरादों में जो था ..
तन्हाई कहती रही ..
अश्क थम जा ज़रा ..
वास्ते पूछ रहे थे ..
चल दिए क्यूँ खामोखां ..
दास्तां कैसी है ये दास्तां ..
खामोखां ..
खामोखां ..
चल दिए क्यूं खामोखां ...


एक सफर एक रास्ता ..
बन गया था वास्ता..
शाम में था तू ..
तुझसे थी सुबहा..
ख्वाब में था तू ..
तुझमें था नशा ..
फिर क्या हुई खता ..
चल दिये क्यूं खामोखां ..
दास्तां कैसी ये दास्तां ..
खामोखां ..
खामोखां ..
चल दिये क्यूं खामोखां ...


कुछ है दरमियाँ ..
तू नहीं है पर है यहाँ ..
क्यूँ है ये फासले ..
चल दिये क्यूँ खामोखां ..
दास्तां कैसी है ये दास्तां ..
खामोखां ..
खामोखां ..
चल दिये क्यूं खामोखां ...



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And again thankyou for sharing and liking.❤❤❤❤😊😊😊😊😊❤❤❤❤❤

Comments

  1. Awesome yr....👌👌👍👍
    Love the way you choose words for poem..😆😆😊
    This was Different & Lovely poem....😍

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